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Narazgi Shayari in Hindi – मोहब्बत और नाराज़गी पर शायरी ✨

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Sometimes, even the closest bonds face little storms of anger and silence. That’s where narazgi comes in a mix of hurt, love, and unsaid emotions. Through Narazgi Shayari in Hindi, we can express those feelings that are hard to say directly but still touch the heart. If you’ve ever been upset with someone you truly care about, these lines will definitely feel relatable.

Dard narazgi shayari

No 1:
तेरी खामोशी ने जो ज़ख्म दिए,
उनका हिसाब अब तक दिल से नहीं लिया।

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No 2:
तेरे लहज़े की वो रूख़ाई आज भी चुभती है,
शब्द तो कम थे, मगर सज़ा बहुत बड़ी थी।

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No 3:
रूठा तो था बस कुछ पल के लिए,
पर तूने हमेशा के लिए अजनबी बना दिया।

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No 4:
तेरा ताना और मेरी चुप्पी,
इश्क़ का यही सबसे दर्दनाक मंजर था।

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No 5:
हमने तो हर बात पर मनाया तुझे,
तूने नाराज़ होकर मोहब्बत ही तोड़ दी।

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No 6:
तू जब नाराज़ होता है, तो लगता है,
जैसे सांसें खुद से बेगानी हो गई हों।

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No 7:
तेरी नाराज़गी ने इतना दूर कर दिया,
अब खुद से भी रिश्ता सा टूट गया।

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No 8:

Dard narazgi shayari


जो ग़लती मेरी थी, माफ़ी भी मैंने मांगी,
फिर भी तेरे दिल से कभी रिश्ता जुड़ न सका।

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No 9:
तेरा ख़ामोश होना सबसे बड़ा इल्ज़ाम था,
जिसने मेरी हर सच्चाई को झूठ बना दिया।

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No 10:
हम तुझे हर हाल में चाहते रहे,
और तू हर बार नाराज़ होकर चला गया।

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No 11:
हम तेरी हर बात को इबादत समझ बैठे,
तूने हमें हर बार सिर्फ ग़लत समझा।

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No 12:
तेरे नाराज़ लब्ज़ों ने जला दिया दिल को,
अब सुकून सिर्फ तन्हाई में मिलता है।

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No 13:
मुझे तेरे बिना रहना आता नहीं,
और तुझे मुझसे नाराज़ रहना खूब आता है।

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No 14:
नाराज़ होकर जो तूने नज़रें फेर लीं,
हमने वहीं से रोना शुरू कर दिया।

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No 15:
तू नाराज़ होता गया, मैं टूटता गया,
इसी तरह इश्क़ एक कहानी बनता गया।

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No 16:
खुद को मनाने की इतनी आदत डाल दी,
कि अब जब तू रूठता है, हम खुद से ही लड़ते हैं।

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No 17:
तेरी एक नाराज़गी ने हज़ार रातें रुला दीं,
और तू कहता है, “कुछ नहीं हुआ।”

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No 18:
हम तो तेरी मुस्कान के लिए जीते थे,
अब तेरी नाराज़गी ही हमारी मौत बन गई।

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No 19:
तू रूठा इस अंदाज़ में,
कि हम खुद से भी मिलने से डरने लगे।

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Teri narazgi shayari

No 1:
तेरी नाराज़गी का आलम कुछ ऐसा है,
कि अब आईने में भी अपना अक्स पराया लगता है।

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No 2:
तेरी खामोश नज़रों में जो शिकवा है,
वो लफ़्ज़ों से ज़्यादा जख्म दे जाता है।

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No 3:
तेरी नाराज़गी ने जो दूरी दी,
अब हर रिश्ता अधूरा सा लगता है।

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No 4:
तेरी खामोशी से डर लगता है मुझे,
क्योंकि उसमें नाराज़गी से ज़्यादा नफ़रत होती है।

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No 5:
तेरी एक झलक के लिए तरसते हैं,
और तू नाराज़ होके हमें देखना भी छोड़ गया।

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No 6:
तेरी नाराज़गी का असर कुछ यूँ हुआ,
अब अपने भी पराए लगने लगे हैं।

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No 7:
तेरी हर बात में प्यार ढूंढते रहे,
तू हर बार नाराज़ होकर हमसे दूर होता रहा।

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No 8:

Teri narazgi shayari

तेरी बेरुख़ी की आदत सी हो गई है,
अब मुस्कुराहट भी झूठ लगती है।

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No 9:
तेरी नाराज़गी ने आज इतना सिखा दिया,
कि अब खुद को भी मना नहीं पाते।

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No 10:
तेरी नाराज़गी की वजह ना पूछ सका,
क्योंकि डर था कि तू और दूर न हो जाए।

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No 11:
तेरी खामोशी के पीछे जो तूफान है,
वो मेरी हर रात बर्बाद कर देता है।

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No 12:
तेरी नाराज़गी कुछ पल की होती तो ठीक था,
तूने तो उम्रभर की सज़ा दे दी।

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No 13:
तेरी नाराज़गी के बाद जो सन्नाटा मिला,
वो हर आवाज़ को खामोश कर गया।

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No 14:
तेरे बिना भी जी लेंगे, ये झूठ रोज़ बोलते हैं,
तेरी नाराज़गी ने हमें सच्चाई से दूर कर दिया।

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No 15:
तेरी रूठी आंखों में जो शिकायत थी,
हमने उसे भी अपना नसीब मान लिया।

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No 16:
तेरी हर नाराज़गी ने एक सबक सिखाया,
कि मोहब्बत में सिर्फ चाहना काफ़ी नहीं।

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No 17:
तेरी नाराज़गी में भी एक अपनापन था,
अब तो तेरे लफ़्ज़ भी अजनबी लगते हैं।

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No 18:
तेरी नाराज़गी थी तो उम्मीद भी थी,
अब तो तेरा ज़िक्र भी नहीं होता।

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Husband love narazgi shayari

No 1:
तेरी नाराज़गी में जो चुप्पी छुपी थी,
उसने हमारी हँसी भी छीन ली।

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No 2:
पति होकर भी जब तुम दूर हो जाते हो,
तो दिल की दीवारें और भी खाली लगती हैं।

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No 3:
तुमसे गिला नहीं, बस ताज्जुब है,
कि प्यार करते हुए भी तुम नाराज़ कैसे हो जाते हो।

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No 4:
तेरे रूठने पर खुद से नाराज़ हो जाती हूँ,
फिर भी तुझे मनाने की हिम्मत नहीं जुटा पाती हूँ।

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No 5:
तेरी नाराज़गी का एक लम्हा,
मेरी पूरी रात बर्बाद कर जाता है।

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No 6:
पल दो पल की तकरार थी शायद,
पर तेरे चेहरे की बेरुख़ी ने दिल डरा दिया।

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No 7:
तेरे खामोश लहज़े में जो दर्द था,
वो झगड़े से ज़्यादा चुभता रहा।

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No 8:

Husband love narazgi shayari

मैंने तो हर बार समझौता ही किया,
फिर भी तुमने मुझे ग़लत ही समझा।

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No 9:
तेरी नाराज़गी के पीछे जो दूरी पनपी,
उसने हमारे रिश्ते को सवालों से भर दिया।

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No 10:
रूठने का हक़ तुम्हें है, मगर,
मनाने का इंतज़ार भी मुझे ही होता है।

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No 11:
तेरे लहज़े में जो ठंडक आई है,
वो हमारे इश्क़ की गर्मी को खा रही है।

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No 12:
तेरी नाराज़गी पर हक़ है मुझे,
पर हर बार तुम खामोश क्यों हो जाते हो?

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No 13:
पत्नी हूं, आदत है निभाने की,
पर तेरी खामोशी से अब डर लगने लगा है।

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No 14:
तेरा मुँह मोड़ लेना बर्दाश्त कर लूं,
पर तेरे दिल से उतर जाना नहीं।

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No 15:
तेरी चुप्पी हर सवाल का जवाब बन गई,
और मैं जवाब ढूंढती ही रह गई।

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No 16:
जब भी नाराज़ होते हो,
लगता है जैसे शादी एक तरफ़ा समझौता बन गई है।

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No 17:
मुझे शिकायत नहीं तेरे रूठने से,
बस दुख इस बात का है कि तू बदल गया।

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No 18:
तेरी नाराज़गी में जो दूरी आई,
उसने हर लम्हे को तन्हा कर दिया।

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No 19:
प्यार में ग़लतियाँ हो सकती हैं,
पर माफ़ी भी मोहब्बत से ही मिलती है।

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No 20:
तेरी बेरुख़ी ने जो सिखाया है,
अब हर रिश्ते से भरोसा उठ गया है।

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Narazgi shayari for love

No 1:
तेरी नाराज़गी ने इश्क़ की रूह को हिला दिया,
अब दिल धड़कता है पर किसी के लिए नहीं।

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No 2:
हमने तो चाहा था उम्रभर साथ निभाना,
पर तेरी एक नाराज़गी ने सब अधूरा कर दिया।

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No 3:
तेरे रूठने का अंदाज़ ही अलग था,
मुझे खुद से दूर कर गया तू चुपचाप।

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No 4:

Narazgi shayari for love

मोहब्बत में तूफान नहीं था पहले,
तेरी नाराज़गी ने हर चीज़ उजाड़ दी।

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No 5:
तेरी खामोशी भी अब जहर लगती है,
क्योंकि उसमें तेरा ग़ुस्सा छुपा बैठा है।

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No 6:
रूठा हुआ चेहरा तेरा, सबसे बड़ा इम्तिहान है,
हम मुस्कुरा भी लें तो लगती है सज़ा सी।

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No 7:
पल भर की नाराज़गी थी,
पर तूने उम्रभर का सन्नाटा दे दिया।

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No 8:
तेरे लफ़्ज़ कम और शिकवे ज़्यादा थे,
हमने हर बार तुझे सच्चा माना।

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No 9:
तेरी नाराज़गी का असर कुछ ऐसा है,
अब कोई और मुस्कुराए भी तो अच्छा नहीं लगता।

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No 10:
इश्क़ का मतलब तुझे समझा न सके,
और तू हर बार हमसे नाराज़ होता गया।

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No 11:
रिश्तों में थोड़ी बहुत तकरार होती है,
पर तू तो हर बार छोड़ देने को तैयार होता है।

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No 12:
तू जब नाराज़ होता है,
तब हर ख़ुशी बेगानी लगती है।

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No 13:
तुझे मनाते-मनाते खुद से रूठ गया हूँ,
अब दिल को भी समझाना मुश्किल हो गया है।

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No 14:
तू कुछ कह भी देता तो शायद सुलह हो जाती,
तेरी चुप्पी ने हमें ग़लतफहमी में डुबो दिया।

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No 15:
तेरे रूठने का ग़म हमसे छुपाया नहीं गया,
बस तुझे खोने का डर कहने नहीं दिया।

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No 16:
हमने तो हर बार तुझे अपना माना,
पर तेरी नाराज़गी ने हमें अजनबी कर दिया।

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No 17:
नाराज़ रहना अगर इश्क़ का हिस्सा है,
तो फिर सबसे बड़ा गुनहगार मैं ही हूं।

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No 18:
तेरी चुप नज़रों में जो सज़ा थी,
उसने मेरी हर दुआ को बेमानी कर दिया।

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No 19:
तेरा रूठना तो मंज़ूर था हमें,
पर तेरा यूँ बेगाना हो जाना नहीं।

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Narazgi shayari for best friend

No 1:
तेरी नाराज़गी ने वो खामोशी दी है,
जो अब हर महफ़िल में तन्हा कर जाती है।

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No 2:
जो हर बात पर हँसाया करता था,
वही दोस्त आज मेरी आवाज़ से नाराज़ है।

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No 3:
तेरे बिना तो ज़िंदगी भी अधूरी लगती है,
पर तेरी नाराज़गी ने हर रंग फीका कर दिया।

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No 4:

तेरी हर बात को सीने से लगाया हमने,
पर तू तो एक ग़लती पर रिश्ते से उठ गया।

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No 5:
तेरी नाराज़ नज़रें बहुत कुछ कह गईं,
और मैं अब तक उन अल्फ़ाज़ में उलझा हूँ।

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No 6:
दोस्ती में ग़लती हो तो माफ़ किया जाता है,
पर तू तो खामोशी से ही दूर हो गया।

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No 7:
तेरी नाराज़गी ने ये एहसास करा दिया,
कि सबसे गहरी चोटें अपनों से ही मिलती हैं।

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No 8:
तू था तो हर दर्द भी आसान लगता था,
अब तेरी नाराज़गी ही सबसे बड़ा ग़म है।

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No 9:
हमने तो तुझे भाई से बढ़कर समझा था,
पर तूने नाराज़ होकर अजनबी बना दिया।

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No 10:
तेरे बिना अब बातों में वो मज़ा नहीं,
तेरी नाराज़गी ने हँसी से भी नाता तोड़ दिया।

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No 11:
कभी हँसी की वजह था तू,
अब तेरी नाराज़गी ही मेरी ख़ामोशी बन गई।

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No 12:
एक ग़लती पर तूने रिश्ता ही बदल डाला,
और मैं आज भी उस पल में अटका हूँ।

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No 13:
तेरी नाराज़गी तो हक़ है तुझे,
पर तूने मेरी सफाई का मौका भी न दिया।

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No 14:
दोस्ती का रिश्ता इतना कमज़ोर कब था,
जो एक बहस में तू दूर हो गया?

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No 15:
हम तो आज भी तुझे याद करते हैं हँस के,
तू आज भी हमसे नाराज़ है चुपके-चुपके।

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No 16:
तेरे बिना हर जीत अधूरी लगती है,
क्योंकि दोस्ती की असली ख़ुशी तो तेरे साथ थी।

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No 17:
तू नाराज़ है, ये बात समझ में आती है,
पर तेरा बिना कुछ कहे दूर होना नहीं।

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No 18:
जो हर दर्द में साथ खड़ा था,
वही आज मेरी परछाईं से भी नाराज़ है।

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No 19:
यारियां छोटी बातों से नहीं टूटती,
पर तू तो बात किए बिना ही चला गया।

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No 20:
नाराज़गी भी ज़रूरी थी शायद,
तभी तो तेरी अहमियत और भी समझ आई।

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Boyfriend love narazgi shayari

No 1:
तेरी नाराज़गी ने इतना सिखा दिया,
अब अपना भी कोई अपना नहीं लगता।

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No 2:
प्यार तो आज भी वैसा ही है,
पर तेरी नाराज़गी ने एहसास बदल दिया।

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No 3:
तेरे खामोश होने से जो टूटी हूं,
वो टूटन शब्दों में बयां नहीं होती।

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No 4:
तू ग़लत था या मैं, इसका हिसाब नहीं,
पर तेरी नाराज़गी ने हर लम्हा सज़ा बना दिया।

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No 5:
तेरी एक नज़र की तलाश में हूँ,
और तू है कि नाराज़ होकर दुनिया से जुदा हो गया।

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No 6:
तेरे रूठने से जो सन्नाटा आया है,
उसने मेरी हर हँसी को चुप कर दिया।

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No 7:
माना ग़लती मेरी थी, पर इश्क़ तो तेरा भी था,
फिर तू ही क्यों नाराज़ होकर दूर चला गया?

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No 8:
तेरी खामोशी ने सवालों से भर दिया है दिल,
और तू अब भी नाराज़ हो, बिना जवाब दिए।

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No 9:
रूठना भी मोहब्बत का हिस्सा होता है,
पर तेरे रूठने में जुदाई का डर होता है।

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No 10:
तेरी नाराज़गी ने जो दूरियाँ दी हैं,
अब पास आने का भी हौसला नहीं रहा।

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No 11:
तू नाराज़ हुआ, हमने सह लिया,
पर तूने तो दिल से ही हमें बेगाना कर दिया।

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No 12:
प्यार तुझसे आज भी है,
मगर तेरी बेरुख़ी ने अब मुस्कुराना छीन लिया।

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No 13:
तेरा रूठ जाना समझ में आता है,
पर तेरा बदल जाना अब भी खलता है।

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No 14:
तेरी नाराज़गी थी या इम्तिहान,
हम हर हाल में तुझे ही चाहते रहे।

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No 15:
जो बातें पहले बिना कहे समझता था तू,
अब नाराज़ होकर सुनना भी पसंद नहीं करता।

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No 16:

Boyfriend love narazgi shayari

तेरी नाराज़गी जब लम्बी हो जाती है,
तो दिल हर रोज़ थोड़ा-थोड़ा टूटता है।

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No 17:
हमने तो हर बार माफ़ी मांगी,
पर तेरी चुप्पी ने इश्क़ को बेवफा बना दिया।

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No 18:
तेरी आँखों में जो नाराज़ी दिखी,
वो मेरी पूरी रात को जागता छोड़ गई।

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No 19:
नाराज़ होकर तू जो मुड़ा,
दिल वहीं से अकेला चलने लगा।

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Gussa narazgi shayari

No 1:
तेरा ग़ुस्सा जितना तेज़ था,
उससे ज़्यादा दर्द तेरी ख़ामोशी ने दिया।

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No 2:
नाराज़ हो कर जब तुम चुप रहते हो,
तो हर लफ्ज़ तीर बनकर दिल में उतरता है।

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No 3:
ग़ुस्से में बोले लफ्ज़ भूल सकते हैं,
पर तेरी नाराज़गी की चुप्पी कभी नहीं।

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No 4:
तेरे ग़ुस्से में जो मोहब्बत छुपी थी,
वो तेरी दूरी ने पूरी तरह जला दी।

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No 5:
ग़ुस्सा तेरा कम था शायद,
पर तेरी नाराज़गी ने रूह तक हिला दी।

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No 6:
तू ग़ुस्से में जो लफ़्ज़ कह गया,
वो आज भी सोचकर नींद उड़ जाती है।

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No 7:
तेरी नाराज़गी ने जो दूरियाँ बढ़ाई,
वो ग़ुस्से से ज़्यादा खामोश थीं।

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No 8:
हमने तो तेरे ग़ुस्से को भी प्यार माना,
पर तूने हमारी मोहब्बत को ही सज़ा बना दिया।

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No 9:
ग़ुस्से में जो तूने रिश्ता तोड़ दिया,
अब हम जुड़ने की हिम्मत नहीं कर पाते।

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No 10:
तेरे रूठने का कोई वक़्त नहीं होता,
पर हर बार तू मुझे ही कसूरवार बना देता है।

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No 11:
नाराज़ हो तो बता भी दिया कर,
तेरी चुप्पी हर बार कातिल बन जाती है।

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No 12:
ग़ुस्सा तेरा वक़्ती था शायद,
पर असर अब तक दिल पर बाकी है।

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No 13:
तेरी नाराज़गी ने एहसास दिलाया,
कि कुछ रिश्तों में खामोशी सबसे बड़ी सज़ा होती है।

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No 14:
हमसे ग़लती हुई थी मान लेते,
पर तू ग़ुस्से में हमें ही ग़लत समझ बैठा।

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No 15:
तेरे लहज़े का बदलना ही काफी था,
समझने को कि तू अब नाराज़ है।

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No 16:
तू ग़ुस्से में कुछ कह भी देता,
कम से कम दिल का बोझ तो हल्का होता।

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No 17:
तेरी हर नाराज़गी पर हम झुकते रहे,
पर तू हर बार और ऊँचा हो गया।

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No 18:
ग़ुस्से में इश्क़ का इम्तिहान मत लिया कर,
कहीं हम भी खामोश हो गए तो तन्हा रह जाएगा।

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No 19:
तेरे ग़ुस्से में जो तल्ख़ी थी,
उसने प्यार के हर रंग को फीका कर दिया।

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No 20:
अब तू ग़ुस्सा कर ले या नाराज़ हो जा,
हमने तो तुझे हर हाल में अपना ही माना है।

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Husband wife narazgi shayari

No 1:
तेरी नाराज़गी में वो ताना छुपा था,
जो मेरी हर चुप्पी को कसूरवार बना गया।

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No 2:
तू खामोश रहा, मैं समझती रही,
तेरी नाराज़गी में खुद को खोती रही।

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No 3:
बिस्तर एक था, पर रातें अलग बीतीं,
तेरी नाराज़गी ने हमसफर को अजनबी बना दिया।

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No 4:
शादी का मतलब सिर्फ साथ नहीं होता,
तेरी खामोशी ने ये सच साफ कर दिया।

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No 5:
मैंने तो हर बार समझौता किया,
पर तेरी नाराज़गी ने रिश्ते को सज़ा बना दिया।

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No 6:
तेरा रूठना अब आदत सी हो गई है,
पर फिर भी हर बार तुझे मनाने की उम्मीद होती है।

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No 7:
तू पास होते हुए भी दूर लगता है,
तेरी नाराज़गी का ये असर गहरा लगता है।

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No 8:
मांग में सिंदूर है पर मन सूना है,
तेरी नाराज़गी ने सब कुछ चुपचाप छीन लिया।

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No 9:

Husband wife narazgi shayari

तेरा मुँह फेर लेना सबसे बड़ा इल्ज़ाम है,
जिसने हर बहस को मेरी हार बना दिया।

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No 10:
शब्द कम हैं पर नाराज़गी बड़ी,
इस खामोश रिश्ते में अब मोहब्बत छुप गई।

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No 11:
तेरी नाराज़गी ने वो सन्नाटा दिया,
जिसमें अब आवाज़ भी अजनबी लगती है।

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No 12:
रिश्ते को बचाने में मैं ही झुकती रही,
पर तू हर बार और ऊँचा होता गया।

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No 13:
तेरी एक नज़र को तरस जाती हूँ,
पर तेरी नाराज़गी मुझे खुद से भी दूर कर देती है।

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No 14:
मोहब्बत का मतलब समझते तो ऐसा न होता,
तेरी नाराज़गी ने हर दुआ को बेअसर कर दिया।

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No 15:
तेरी नाराज़गी से डरती नहीं,
पर उस दूरी से घबरा जाती हूँ जो हर बार बढ़ती है।

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No 16:
हर बहस के बाद एक सन्नाटा छा जाता है,
तेरी नाराज़गी अब रिश्ते का हिस्सा बन गई है।

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No 17:
तू ग़लत भी हो तो तुझे मनाना अच्छा लगता था,
अब तेरी खामोशी डराने लगी है।

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No 18:
तेरा रूठना अब इम्तिहान सा लगता है,
हर बार लगता है कहीं आख़िरी बार न हो।

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In the end, Narazgi Shayari in English teaches us that a little distance or silence can actually make bonds stronger when love is real.

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