कभी-कभी सबसे ज़्यादा दर्द तब होता है जब कोई अपना हमसे बात करना छोड़ देता है। वो खामोशी, वो दूरी, हर लम्हा चुपचाप सीने में उतरती जाती है। ऐसे ही जज़्बातों को अल्फाज़ देने के लिए हम लेकर आए हैं Baat Nahi Karne Ki Shayari, जो आपके दिल की बातें बयां कर देगी। तो चलिए, इन शायरियों के ज़रिए उस चुप्पी में छिपे एहसास को महसूस करते हैं।
Table of Contents
Baat nahi karne ki shayari 2 lines
No 1:
तू खामोश है तो कोई बात नहीं,
हम तो तेरे सन्नाटे से भी प्यार करते हैं।
[shayari_share]तू खामोश है तो कोई बात नहीं
हम तो तेरे सन्नाटे से भी प्यार करते हैं।[/shayari_share]
No 2:
तेरा यूं बात न करना कुछ तो कहता है,
चुप्पी में भी इक इशारा रहता है।
[shayari_share]तेरा यूं बात न करना कुछ तो कहता है
चुप्पी में भी इक इशारा रहता है।[/shayari_share]
No 3:
अब ना तू बोले, ना हम सवाल करें,
तेरी खामोशी को हम ख़ुदा का पैगाम समझें।
[shayari_share]अब ना तू बोले, ना हम सवाल करें
तेरी खामोशी को हम ख़ुदा का पैगाम समझें।[/shayari_share]
No 4:
बात नहीं कर रहे, ये भी एक अदा है,
वरना दिल में तो आज भी तू ही बसा है।
[shayari_share]बात नहीं कर रहे, ये भी एक अदा है
वरना दिल में तो आज भी तू ही बसा है।[/shayari_share]
No 5:
खफा है तू, पर ये हक भी तेरा है,
बात न करके भी तू मेरा ही चेहरा है।
[shayari_share]खफा है तू, पर ये हक भी तेरा है
बात न करके भी तू मेरा ही चेहरा है।[/shayari_share]
No 6:
तेरी चुप्पी में भी इक शोर सा होता है,
बात न करना भी इश्क़ का दस्तूर होता है।
[shayari_share]तेरी चुप्पी में भी इक शोर सा होता है
बात न करना भी इश्क़ का दस्तूर होता है।[/shayari_share]
No 7:
बातों का सिलसिला अब थम गया है,
पर दिल तुझे हर पल कुछ कह रहा है।
[shayari_share]बातों का सिलसिला अब थम गया है
पर दिल तुझे हर पल कुछ कह रहा है।[/shayari_share]
No 8:

अब ना शिकवा, ना कोई गिला है,
तेरी खामोशी से भी मोहब्बत मिला है।
[shayari_share]अब ना शिकवा, ना कोई गिला है
तेरी खामोशी से भी मोहब्बत मिला है।[/shayari_share]
No 9:
हम इंतज़ार में हैं तेरे बोलने के,
तू चाहे जितना भी चुप रह ले।
[shayari_share]हम इंतज़ार में हैं तेरे बोलने के
तू चाहे जितना भी चुप रह ले।[/shayari_share]
No 10:
ना जाने किस बात पर तू रुठा है,
तेरा न बोलना भी बहुत कुछ कहता है।
[shayari_share]ना जाने किस बात पर तू रुठा है
तेरा न बोलना भी बहुत कुछ कहता है।[/shayari_share]
No 11:
तू बात नहीं करता, ये ग़म नहीं,
तेरी यादें अब भी मेरे साथ हैं कहीं।
[shayari_share]तू बात नहीं करता, ये ग़म नहीं
तेरी यादें अब भी मेरे साथ हैं कहीं।[/shayari_share]
No 12:
तेरी चुप्पी ने सब कुछ बयां कर दिया,
तेरे अल्फ़ाज़ों ने तो बस पर्दा किया।
[shayari_share]तेरी चुप्पी ने सब कुछ बयां कर दिया
तेरे अल्फ़ाज़ों ने तो बस पर्दा किया।[/shayari_share]
No 13:
बोलता कुछ नहीं, पर सुनता है दिल,
तेरी हर खामोशी भी लगती है हसीन दिल।
[shayari_share]बोलता कुछ नहीं, पर सुनता है दिल
तेरी हर खामोशी भी लगती है हसीन दिल।[/shayari_share]
No 14:
बात न करना तेरा अंदाज़ हो गया,
और तन्हाई मेरा हमराज़ हो गया।
[shayari_share]बात न करना तेरा अंदाज़ हो गया
और तन्हाई मेरा हमराज़ हो गया।[/shayari_share]
No 15:
तेरी खामोशी से डर तो लगता है,
पर अब ये ही मेरा सुकून बन गया है।
[shayari_share]तेरी खामोशी से डर तो लगता है
पर अब ये ही मेरा सुकून बन गया है।[/shayari_share]
No 16:
हर बार सोचते हैं अब नहीं सोचेंगे,
पर तेरी बात न करने से फिर टूट जाते हैं।
[shayari_share]हर बार सोचते हैं अब नहीं सोचेंगे
पर तेरी बात न करने से फिर टूट जाते हैं।[/shayari_share]
No 17:
बात नहीं करते तो ना सही,
तेरी यादें तो हर वक्त साथ हैं वही।
[shayari_share]बात नहीं करते तो ना सही
तेरी यादें तो हर वक्त साथ हैं वही।[/shayari_share]
No 18:
खुद से ही लड़ता रहता हूं मैं,
तेरी खामोशी को समझने की जंग में।
[shayari_share]खुद से ही लड़ता रहता हूं मैं
तेरी खामोशी को समझने की जंग में।[/shayari_share]
No 19:
तेरे न बोलने से ही अब जीना सीखा है,
मोहब्बत में भी सन्नाटों से रिश्ता सीखा है।
[shayari_share]तेरे न बोलने से ही अब जीना सीखा है
मोहब्बत में भी सन्नाटों से रिश्ता सीखा है।[/shayari_share]
Fursat baat nahi karne ki shayari
No 1:
तेरे पास वक़्त नहीं, चलो ठीक है,
हम भी अब खुद से ही बातें करने लगे हैं।
[shayari_share]तेरे पास वक़्त नहीं, चलो ठीक है
हम भी अब खुद से ही बातें करने लगे हैं।[/shayari_share]
No 2:
जो कभी दिन-रात बातें किया करता था,
अब कहता है – “फुर्सत नहीं है यार।”
[shayari_share]जो कभी दिन-रात बातें किया करता था
अब कहता है – “फुर्सत नहीं है यार।”[/shayari_share]
No 3:
तू कहता है फुर्सत नहीं, हम मान लेते हैं,
पर जो दिल में है, वो कैसे अनजान लेते हैं?
[shayari_share]तू कहता है फुर्सत नहीं, हम मान लेते हैं
पर जो दिल में है, वो कैसे अनजान लेते हैं?[/shayari_share]
No 4:
तेरे पास वक़्त नहीं, ये ताना भी अपना लगता है,
तेरी हर बेरुख़ी अब जाना-पहचाना लगता है।
[shayari_share]तेरे पास वक़्त नहीं, ये ताना भी अपना लगता है
तेरी हर बेरुख़ी अब जाना-पहचाना लगता है।[/shayari_share]
No 5:
आजकल तुझसे बात करने का ख्वाब भी महंगा लगता है,
क्योंकि तुझे तो अब फुर्सत का मतलब भी बेगाना लगता है।
[shayari_share]आजकल तुझसे बात करने का ख्वाब भी महंगा लगता है
क्योंकि तुझे तो अब फुर्सत का मतलब भी बेगाना लगता है।[/shayari_share]
No 6:
ना बात, ना मुलाक़ात, ना कोई शिकायत,
शायद तुझे अब फुर्सत भी नहीं हमारी आदत से।
[shayari_share]ना बात, ना मुलाक़ात, ना कोई शिकायत
शायद तुझे अब फुर्सत भी नहीं हमारी आदत से।[/shayari_share]
No 7:
तू कहता है फुर्सत नहीं, तो हम क्या कहें,
हम तो तुझसे बात करने को ज़िन्दगी छोड़ देते।
[shayari_share]तू कहता है फुर्सत नहीं, तो हम क्या कहें
हम तो तुझसे बात करने को ज़िन्दगी छोड़ देते।[/shayari_share]
No 8:

फुर्सत में भी तुझे मेरी याद नहीं आती,
कितनी खामोशी से तू बेवफा बन जाती।
[shayari_share]फुर्सत में भी तुझे मेरी याद नहीं आती
कितनी खामोशी से तू बेवफा बन जाती।[/shayari_share]
No 9:
हमसे बात करने की तुझमें अब चाह नहीं,
और कहता है कि तुझमें फुर्सत की राह नहीं।
[shayari_share]हमसे बात करने की तुझमें अब चाह नहीं
और कहता है कि तुझमें फुर्सत की राह नहीं।[/shayari_share]
No 10:
जिसे एक पल की दूरी भी भारी लगती थी,
अब कहती है – “बात करने की फुर्सत नहीं होती।”
[shayari_share]जिसे एक पल की दूरी भी भारी लगती थी
अब कहती है – “बात करने की फुर्सत नहीं होती।”[/shayari_share]
No 11:
कितना आसान है किसी को गैर बना देना,
फुर्सत ना होने का बहाना बस कहना।
[shayari_share]कितना आसान है किसी को गैर बना देना
फुर्सत ना होने का बहाना बस कहना।[/shayari_share]
No 12:
फुर्सत में भी तुझे कोई और याद आता है,
हम तो तेरे वक़्त के काबिल भी नहीं निकले।
[shayari_share]फुर्सत में भी तुझे कोई और याद आता है
हम तो तेरे वक़्त के काबिल भी नहीं निकले।[/shayari_share]
No 13:
तू कहे “फुर्सत नहीं”, और हम समझ जाएं,
इतनी भी सस्ती नहीं थी मोहब्बत हमारी।
[shayari_share]तू कहे “फुर्सत नहीं”, और हम समझ जाएं
इतनी भी सस्ती नहीं थी मोहब्बत हमारी।[/shayari_share]
No 14:
फुर्सत नहीं तुझे, पर वक्त किसी और को दे देती है,
तेरी ये बेरुख़ी अब खंजर सी लगती है।
[shayari_share]फुर्सत नहीं तुझे, पर वक्त किसी और को दे देती है
तेरी ये बेरुख़ी अब खंजर सी लगती है।[/shayari_share]
No 15:
अब ना शिकवा, ना शिकायत रही,
तेरी “फुर्सत नहीं” में भी वफ़ा की चाहत रही।
[shayari_share]अब ना शिकवा, ना शिकायत रही
तेरी “फुर्सत नहीं” में भी वफ़ा की चाहत रही।[/shayari_share]
No 16:
तेरे वक़्त का अब हिस्सा नहीं हैं हम,
तू जिसे चाहता है, अब उसी के संग है दम।
[shayari_share]तेरे वक़्त का अब हिस्सा नहीं हैं हम
तू जिसे चाहता है, अब उसी के संग है दम।[/shayari_share]
No 17:
हम तो आज भी वही फुर्सत वाले हैं,
पर तेरे पास अब वक़्त ही कहाँ है कहने के लिए।
[shayari_share]हम तो आज भी वही फुर्सत वाले हैं
पर तेरे पास अब वक़्त ही कहाँ है कहने के लिए।[/shayari_share]
Heart touching baat nahi karne ki shayari
No 1:
तेरी बातों की अब भी आदत है हमें,
पर तू है कि अब खामोशी से मोहब्बत करता है।
[shayari_share]तेरी बातों की अब भी आदत है हमें
पर तू है कि अब खामोशी से मोहब्बत करता है।[/shayari_share]
No 2:
जो हर रोज़ बात किए बिना चैन न पाता था,
अब वही शख्स हमसे नज़रे चुरा जाता है।
[shayari_share]जो हर रोज़ बात किए बिना चैन न पाता था
अब वही शख्स हमसे नज़रे चुरा जाता है।[/shayari_share]
No 3:
बात न करना भी अब उसकी पहचान बन गई,
कभी जिस लहजे में प्यार था, अब वहां सन्नाटा है।
[shayari_share]बात न करना भी अब उसकी पहचान बन गई
कभी जिस लहजे में प्यार था, अब वहां सन्नाटा है।[/shayari_share]
No 4:
तेरी खामोशी ने जो असर किया,
वो किसी तकरार ने भी ना किया।
[shayari_share]तेरी खामोशी ने जो असर किया
वो किसी तकरार ने भी ना किया।[/shayari_share]
No 5:
अब ना शिकायत है, ना कोई इल्ज़ाम,
तेरी चुप्पी ही अब सबसे बड़ा जवाब है।
[shayari_share]अब ना शिकायत है, ना कोई इल्ज़ाम
तेरी चुप्पी ही अब सबसे बड़ा जवाब है।[/shayari_share]
No 6:
तू बात नहीं करता, ये दर्द थोड़ा कम नहीं,
दिल तो आज भी तुझे हर सांस में ढूंढ़ता है कहीं।
[shayari_share]तू बात नहीं करता, ये दर्द थोड़ा कम नहीं
दिल तो आज भी तुझे हर सांस में ढूंढ़ता है कहीं।[/shayari_share]
No 7:
चुपचाप हो गया वो रिश्ता, जो कभी जिया करता था,
अब कोई बात नहीं करता, ना वजह बताता है।
[shayari_share]चुपचाप हो गया वो रिश्ता, जो कभी जिया करता था
अब कोई बात नहीं करता, ना वजह बताता है।[/shayari_share]
No 8:
तेरे खामोश लब कुछ तो कह रहे हैं,
हमसे बात न करके खुद को बहला रहे हैं।
[shayari_share]तेरे खामोश लब कुछ तो कह रहे हैं
हमसे बात न करके खुद को बहला रहे हैं।[/shayari_share]
No 9:
तेरी एक बात की आज भी कीमत है दिल में,
पर तू है कि अब खामोशियों में उलझा हुआ है।
[shayari_share]तेरी एक बात की आज भी कीमत है दिल में
पर तू है कि अब खामोशियों में उलझा हुआ है।[/shayari_share]
No 10:
अब ना वो मुस्कान, ना बातें रही,
तेरे सिवा हर चीज़ अधूरी सी लगी।
[shayari_share]अब ना वो मुस्कान, ना बातें रही
तेरे सिवा हर चीज़ अधूरी सी लगी।[/shayari_share]
No 11:
बात नहीं करता, चलो ठीक है,
पर ये सुकून भी अब कहीं खो गया है।
[shayari_share]बात नहीं करता, चलो ठीक है
पर ये सुकून भी अब कहीं खो गया है।[/shayari_share]
No 12:
कभी तू हर पल की बात किया करता था,
अब महीनों की चुप्पी भी तुझसे कुछ नहीं कहती।
[shayari_share]कभी तू हर पल की बात किया करता था
अब महीनों की चुप्पी भी तुझसे कुछ नहीं कहती।[/shayari_share]
No 13:
तेरी खामोशी ने आज रुला दिया,
बात न करके भी तू बहुत कुछ कह गया।
[shayari_share]तेरी खामोशी ने आज रुला दिया
बात न करके भी तू बहुत कुछ कह गया।[/shayari_share]
No 14:
ना तकरार है, ना कोई बहस,
बस तेरे न बोलने से टूटा है हौसला कुछ इस क़दर।
[shayari_share]ना तकरार है, ना कोई बहस
बस तेरे न बोलने से टूटा है हौसला कुछ इस क़दर।[/shayari_share]
No 15:
तू बात नहीं करता, ये तेरी मर्ज़ी है,
हमने तो हर चुप्पी में भी तुझे सुनने की आदत बना ली।
[shayari_share]तू बात नहीं करता, ये तेरी मर्ज़ी है
हमने तो हर चुप्पी में भी तुझे सुनने की आदत बना ली।[/shayari_share]
No 16:
खामोशी भी अब चुभने लगी है,
कभी जो बातों से बहलते थे, अब अकेले सिसकते हैं।
[shayari_share]खामोशी भी अब चुभने लगी है
कभी जो बातों से बहलते थे, अब अकेले सिसकते हैं।[/shayari_share]
No 17:
तेरे न बोलने से ज़ख़्म गहरे हुए,
पर तू कहता है – “सब कुछ वैसे ही है।”
[shayari_share]तेरे न बोलने से ज़ख़्म गहरे हुए
पर तू कहता है – “सब कुछ वैसे ही है।”[/shayari_share]
No 18:
जब अपनों से बात ना हो, तो दिल थम सा जाता है,
और हर बीती याद, सीने में दर्द सा बनकर रह जाता है।
[shayari_share]जब अपनों से बात ना हो, तो दिल थम सा जाता है
और हर बीती याद, सीने में दर्द सा बनकर रह जाता है।[/shayari_share]
No 19:
अब ना शिकायत करेंगे, ना तुझसे कुछ कहेंगे,
तेरी चुप्पी को अब आदत बना लेंगे।
[shayari_share]अब ना शिकायत करेंगे, ना तुझसे कुछ कहेंगे
तेरी चुप्पी को अब आदत बना लेंगे।[/shayari_share]
Girl baat nahi karne ki shayari
No 1:
वो लड़की जो हर बात पे हँसती थी,
अब खामोश है, शायद कुछ कहती थी।
[shayari_share]वो लड़की जो हर बात पे हँसती थी
अब खामोश है, शायद कुछ कहती थी।[/shayari_share]
No 2:
जब से वो लड़की बात नहीं करती,
हर लम्हा अब अधूरा सा लगता है।
[shayari_share]जब से वो लड़की बात नहीं करती
हर लम्हा अब अधूरा सा लगता है।[/shayari_share]
No 3:
उसकी खामोशी ने कुछ तो छुपा रखा है,
वरना वो लड़की तो दिल से बात किया करती थी।
[shayari_share]उसकी खामोशी ने कुछ तो छुपा रखा है
वरना वो लड़की तो दिल से बात किया करती थी।[/shayari_share]
No 4:
ना कोई शिकवा, ना कोई रंजिश है,
वो बस अब बात नहीं करती, और ये सबसे बड़ी सज़िश है।
[shayari_share]ना कोई शिकवा, ना कोई रंजिश है
वो बस अब बात नहीं करती, और ये सबसे बड़ी सज़िश है।[/shayari_share]
No 5:

पहले हर बात में उसका नाम होता था,
अब वो लड़की हमें देखकर भी चुप रहती है।
[shayari_share]पहले हर बात में उसका नाम होता था
अब वो लड़की हमें देखकर भी चुप रहती है।[/shayari_share]
No 6:
उसकी खामोशी ने हर बात छीन ली,
वो लड़की अब आंखों से भी कुछ नहीं कहती।
[shayari_share]उसकी खामोशी ने हर बात छीन ली
वो लड़की अब आंखों से भी कुछ नहीं कहती।[/shayari_share]
No 7:
अब वो लड़की बात नहीं करती,
जिसके हर अल्फ़ाज़ में जान होती थी।
[shayari_share]अब वो लड़की बात नहीं करती
जिसके हर अल्फ़ाज़ में जान होती थी।[/shayari_share]
No 8:
मोहब्बत थी या आदत बन गई थी वो,
अब जब नहीं बोलती, तो ज़िंदगी भी सुनी लगती है।
[shayari_share]मोहब्बत थी या आदत बन गई थी वो
अब जब नहीं बोलती, तो ज़िंदगी भी सुनी लगती है।[/shayari_share]
No 9:
वो लड़की जो घंटों बात किया करती थी,
अब एक मैसेज का जवाब भी नहीं देती।
[shayari_share]वो लड़की जो घंटों बात किया करती थी
अब एक मैसेज का जवाब भी नहीं देती।[/shayari_share]
No 10:
जब भी उससे बात करने का मन होता है,
तब याद आता है – अब वो लड़की बात नहीं करती।
[shayari_share]जब भी उससे बात करने का मन होता है
तब याद आता है – अब वो लड़की बात नहीं करती।[/shayari_share]
No 11:
उसकी चुप्पी में भी इक दर्द सा छुपा है,
वो लड़की अब पहले जैसी खुली नहीं रही।
[shayari_share]उसकी चुप्पी में भी इक दर्द सा छुपा है
वो लड़की अब पहले जैसी खुली नहीं रही।[/shayari_share]
No 12:
बात ना करना उसका नया अंदाज़ है,
पर हमें अब भी उसकी हर बात का इंतज़ार है।
[shayari_share]बात ना करना उसका नया अंदाज़ है
पर हमें अब भी उसकी हर बात का इंतज़ार है।[/shayari_share]
No 13:
वो लड़की जो सब कुछ कह देती थी,
अब चुपचाप रहकर बहुत कुछ सिखा देती है।
[shayari_share]वो लड़की जो सब कुछ कह देती थी
अब चुपचाप रहकर बहुत कुछ सिखा देती है।[/shayari_share]
No 14:
कभी जिसकी आवाज़ ही सुकून देती थी,
अब वही लड़की खामोशी से रुला देती है।
[shayari_share]कभी जिसकी आवाज़ ही सुकून देती थी
अब वही लड़की खामोशी से रुला देती है।[/shayari_share]
No 15:
उसके न बोलने में भी एक सवाल है,
कहीं हम ही तो उसकी उदासी की मिसाल हैं?
[shayari_share]उसके न बोलने में भी एक सवाल है
कहीं हम ही तो उसकी उदासी की मिसाल हैं?[/shayari_share]
No 16:
अब वो लड़की बात नहीं करती,
पर उसकी खामोशी दिल को बहुत कुछ कह जाती है।
[shayari_share]अब वो लड़की बात नहीं करती
पर उसकी खामोशी दिल को बहुत कुछ कह जाती है।[/shayari_share]
No 17:
जिससे बात किए बिना दिन नहीं कटता था,
अब वही लड़की सालों से खामोश है।
[shayari_share]जिससे बात किए बिना दिन नहीं कटता था
अब वही लड़की सालों से खामोश है।[/shayari_share]
No 18:
वो जो बिना बात किए रह नहीं पाती थी,
आज देखो, कितनी बेफिक्री से चुप बैठी है।
[shayari_share]वो जो बिना बात किए रह नहीं पाती थी
आज देखो, कितनी बेफिक्री से चुप बैठी है।[/shayari_share]
No 19:
उसका न बोलना अब आदत बन गया है,
कभी जो हर बात में शामिल रहती थी।
[shayari_share]उसका न बोलना अब आदत बन गया है
कभी जो हर बात में शामिल रहती थी।[/shayari_share]
No 20:
वो लड़की अब कुछ नहीं कहती,
पर उसके लबों की खामोशी बहुत कुछ कहती है।
[shayari_share]वो लड़की अब कुछ नहीं कहती
पर उसके लबों की खामोशी बहुत कुछ कहती है।[/shayari_share]
Matlabi baat nahi karne ki shayari
No 1:
जब तक मतलब था, रोज़ हाल पूछा करते थे,
अब ना बात, ना सलाम, जैसे कभी जानते ही नहीं थे।
[shayari_share]जब तक मतलब था, रोज़ हाल पूछा करते थे
अब ना बात, ना सलाम, जैसे कभी जानते ही नहीं थे।[/shayari_share]
No 2:
मतलबी लोग बात भी तौल कर करते हैं,
जब काम निकल जाए, फिर पहचान तक नहीं करते हैं।
[shayari_share]मतलबी लोग बात भी तौल कर करते हैं
जब काम निकल जाए, फिर पहचान तक नहीं करते हैं।[/shayari_share]
No 3:
हमने तो दिल से निभाया था हर रिश्ता,
पर उन्हें तो सिर्फ जरूरतों से मतलब था।
[shayari_share]हमने तो दिल से निभाया था हर रिश्ता
पर उन्हें तो सिर्फ जरूरतों से मतलब था।[/shayari_share]
No 4:
तेरी बातें अब भी याद आती हैं,
मतलबी थी फिर भी सच्ची लगती थीं।
[shayari_share]तेरी बातें अब भी याद आती हैं
मतलबी थी फिर भी सच्ची लगती थीं।[/shayari_share]
No 5:
वो बात तब तक करता था जब तक ज़रूरत थी,
अब हाल पूछने की भी फुर्सत नहीं।
[shayari_share]वो बात तब तक करता था जब तक ज़रूरत थी
अब हाल पूछने की भी फुर्सत नहीं।[/shayari_share]
No 6:
मतलबी लोग जब काम निकल जाए तो खामोश हो जाते हैं,
बिना अलविदा कहे भी बहुत कुछ सिखा जाते हैं।
[shayari_share]मतलबी लोग जब काम निकल जाए तो खामोश हो जाते हैं
बिना अलविदा कहे भी बहुत कुछ सिखा जाते हैं।[/shayari_share]
No 7:
अब ना वो बात करते हैं, ना हाल पूछते हैं,
क्योंकि अब उनके मतलब की कोई बात नहीं बची।
[shayari_share]अब ना वो बात करते हैं, ना हाल पूछते हैं
क्योंकि अब उनके मतलब की कोई बात नहीं बची।[/shayari_share]
No 8:
मतलबी दुनिया में दिल लगाना भूल गए,
अब तो बिना वजह बात करने वाले भी नहीं मिलते।
[shayari_share]मतलबी दुनिया में दिल लगाना भूल गए
अब तो बिना वजह बात करने वाले भी नहीं मिलते।[/shayari_share]
No 9:

तेरा बात न करना भी अब समझ आ गया है,
जरूरतें खत्म हुईं और रिश्ता भी मिट गया है।
[shayari_share]तेरा बात न करना भी अब समझ आ गया है
जरूरतें खत्म हुईं और रिश्ता भी मिट गया है।[/shayari_share]
No 10:
मतलबी लोग मौसम की तरह होते हैं,
काम निकलते ही बदल जाते हैं।
[shayari_share]मतलबी लोग मौसम की तरह होते हैं
काम निकलते ही बदल जाते हैं।[/shayari_share]
No 11:
बात नहीं करते अब वो जो कभी दिल के करीब थे,
क्योंकि अब उनके फायदे की कोई वजह बाकी नहीं रही।
[shayari_share]बात नहीं करते अब वो जो कभी दिल के करीब थे
क्योंकि अब उनके फायदे की कोई वजह बाकी नहीं रही।[/shayari_share]
No 12:
कभी जो खुद चलकर मिलने आता था,
अब कहता है – “बात करने का वक्त नहीं है यार।”
[shayari_share]कभी जो खुद चलकर मिलने आता था
अब कहता है – “बात करने का वक्त नहीं है यार।”[/shayari_share]
No 13:
उसकी खामोशी ने सब बता दिया,
अब कोई मतलब नहीं, इसलिए बात भी ना किया।
[shayari_share]उसकी खामोशी ने सब बता दिया
अब कोई मतलब नहीं, इसलिए बात भी ना किया।[/shayari_share]
No 14:
जो बात हर रोज़ होती थी,
अब सालों से उसकी ज़रूरत ही नहीं पड़ी।
[shayari_share]जो बात हर रोज़ होती थी
अब सालों से उसकी ज़रूरत ही नहीं पड़ी।[/shayari_share]
No 15:
अब समझ में आया कि वो कैसे बदल गए,
जैसे ही मतलब निकला, हमसे कट गए।
[shayari_share]अब समझ में आया कि वो कैसे बदल गए
जैसे ही मतलब निकला, हमसे कट गए।[/shayari_share]
No 16:
मतलब निकलने के बाद जो लोग चुप हो जाते हैं,
वो सबसे खतरनाक रिश्ते निभाते हैं।
[shayari_share]मतलब निकलने के बाद जो लोग चुप हो जाते हैं
वो सबसे खतरनाक रिश्ते निभाते हैं।[/shayari_share]
No 17:
पहले हर दिन बात करना ज़रूरी था,
अब लगता है जैसे जान-पहचान ही नहीं रही।
[shayari_share]पहले हर दिन बात करना ज़रूरी था
अब लगता है जैसे जान-पहचान ही नहीं रही।[/shayari_share]
No 18:
तेरा न बोलना अब तकलीफ़ नहीं देता,
क्योंकि अब तेरे मतलब की सच्चाई समझ में आ गई है।
[shayari_share]तेरा न बोलना अब तकलीफ़ नहीं देता
क्योंकि अब तेरे मतलब की सच्चाई समझ में आ गई है।[/shayari_share]
Gussa baat nahi karne ki shayari
No 1:
गुस्से में है वो, बात नहीं कर रही,
पर आंखों से साफ दिख रहा है, परवाह अब भी कर रही।
[shayari_share]गुस्से में है वो, बात नहीं कर रही
पर आंखों से साफ दिख रहा है, परवाह अब भी कर रही।[/shayari_share]
No 2:
उसका चुप रहना भी एक सज़ा है,
गुस्से में वो बात नहीं करती, बस जला देती है हर दुआ।
[shayari_share]उसका चुप रहना भी एक सज़ा है
गुस्से में वो बात नहीं करती, बस जला देती है हर दुआ।[/shayari_share]
No 3:
जब वो गुस्से में बात नहीं करती,
तब हर सन्नाटा सीधा दिल पर वार करता है।
[shayari_share]जब वो गुस्से में बात नहीं करती
तब हर सन्नाटा सीधा दिल पर वार करता है।[/shayari_share]
No 4:
माना नाराज़ है, पर इतना भी क्यों,
कि बात करने की भी फुर्सत नहीं रखी तूने अब कहीं।
[shayari_share]माना नाराज़ है, पर इतना भी क्यों
कि बात करने की भी फुर्सत नहीं रखी तूने अब कहीं।[/shayari_share]
No 5:

गुस्सा कर लो जितना करना है,
पर यूं चुप ना रहो, ये सजा सी लगती है।
[shayari_share]गुस्सा कर लो जितना करना है
पर यूं चुप ना रहो, ये सजा सी लगती है।[/shayari_share]
No 6:
तेरे गुस्से का भी अपना अंदाज़ है,
बात नहीं करती, पर हर ख़ामोशी में तकरार है।
[shayari_share]तेरे गुस्से का भी अपना अंदाज़ है
बात नहीं करती, पर हर ख़ामोशी में तकरार है।[/shayari_share]
No 7:
अब तो आदत सी हो गई है तेरे गुस्से की,
जो बिना बोले भी दिल दुखा जाता है।
[shayari_share]अब तो आदत सी हो गई है तेरे गुस्से की
जो बिना बोले भी दिल दुखा जाता है।[/shayari_share]
No 8:
गुस्सा भी इतना प्यारा लगता है,
जब वो बात नहीं करती पर नज़रें सब कह जाती हैं।
[shayari_share]गुस्सा भी इतना प्यारा लगता है
जब वो बात नहीं करती पर नज़रें सब कह जाती हैं।[/shayari_share]
No 9:
उसके न बोलने में जो आग है,
वो किसी लड़ाई से कम नहीं लगती आज भी।
[shayari_share]उसके न बोलने में जो आग है
वो किसी लड़ाई से कम नहीं लगती आज भी।[/shayari_share]
No 10:
नाराज़गी हो या मोहब्बत छुपानी हो,
वो बस बात नहीं करती, और हम समझते जाते हैं।
[shayari_share]नाराज़गी हो या मोहब्बत छुपानी हो
वो बस बात नहीं करती, और हम समझते जाते हैं।[/shayari_share]
No 11:
गुस्से में जब वो बात नहीं करती,
तो दिल को लगता है जैसे सब कुछ अधूरा है।
[shayari_share]गुस्से में जब वो बात नहीं करती
तो दिल को लगता है जैसे सब कुछ अधूरा है।[/shayari_share]
No 12:
तेरी चुप्पी से ज्यादा किसी बात ने नहीं डराया,
गुस्सा तेरा खामोश होकर भी बहुत कुछ कह गया।
[shayari_share]तेरी चुप्पी से ज्यादा किसी बात ने नहीं डराया
गुस्सा तेरा खामोश होकर भी बहुत कुछ कह गया।[/shayari_share]
No 13:
न बोलना उसका गुस्से का तरीका है,
और हम हैं कि हर खामोशी में माफी मांगते हैं।
[shayari_share]न बोलना उसका गुस्से का तरीका है
और हम हैं कि हर खामोशी में माफी मांगते हैं।[/shayari_share]
No 14:
गुस्से में उसकी खामोशी सबसे भारी लगती है,
हर लम्हा तन्हा और सवालों से भरा लगता है।
[shayari_share]गुस्से में उसकी खामोशी सबसे भारी लगती है
हर लम्हा तन्हा और सवालों से भरा लगता है।[/shayari_share]
No 15:
तू खफा है, ये तेरा हक है,
पर बात न करके सज़ा मत दे इस दिल को।
[shayari_share]तू खफा है, ये तेरा हक है
पर बात न करके सज़ा मत दे इस दिल को।[/shayari_share]
No 16:
गुस्सा तो कल भी था तुझमें,
पर तब तू बात कर के ही मना लेता था।
[shayari_share]गुस्सा तो कल भी था तुझमें
पर तब तू बात कर के ही मना लेता था।[/shayari_share]
No 17:
जो पहले हर बात पर मुस्कुरा देती थी,
अब गुस्से में खामोशी ओढ़े बैठी है।
[shayari_share]जो पहले हर बात पर मुस्कुरा देती थी
अब गुस्से में खामोशी ओढ़े बैठी है।[/shayari_share]
No 18:
तू गुस्से में क्या खामोश हुई,
जैसे रूह ही दिल से जुदा हो गई।
[shayari_share]तू गुस्से में क्या खामोश हुई
जैसे रूह ही दिल से जुदा हो गई।[/shayari_share]
No 19:
अब ना तकरार है, ना बहस की गुंजाइश,
तेरा बात न करना ही अब सबसे बड़ी सज़ा है।
[shayari_share]अब ना तकरार है, ना बहस की गुंजाइश
तेरा बात न करना ही अब सबसे बड़ी सज़ा है।[/shayari_share]
Kabhi baat nahi karne ki shayari
No 1:
जिससे कभी एक पल चुप नहीं रहा जाता था,
अब वो इंसान कभी बात नहीं करता।
[shayari_share]जिससे कभी एक पल चुप नहीं रहा जाता था
अब वो इंसान कभी बात नहीं करता।[/shayari_share]
No 2:
कभी जिस आवाज़ से सुकून मिलता था,
आज वो ज़िन्दगी से ही खामोश है।
[shayari_share]कभी जिस आवाज़ से सुकून मिलता था
आज वो ज़िन्दगी से ही खामोश है।[/shayari_share]
No 3:
जिसे देख कर दिन बन जाया करता था,
अब वो सालों से बात तक नहीं करता।
[shayari_share]जिसे देख कर दिन बन जाया करता था
अब वो सालों से बात तक नहीं करता।[/shayari_share]
No 4:
अब तो आदत सी हो गई है,
उन अपनों की जो कभी बात ही नहीं करते।
[shayari_share]अब तो आदत सी हो गई है
उन अपनों की जो कभी बात ही नहीं करते।[/shayari_share]
No 5:
कभी बात नहीं की, न कोई ख़बर ली,
इश्क़ अब खामोशियों में ही सज़ा बन गया है।
[shayari_share]कभी बात नहीं की, न कोई ख़बर ली
इश्क़ अब खामोशियों में ही सज़ा बन गया है।[/shayari_share]
No 6:
कभी बात नहीं करने की वजह समझ नहीं आई,
पर दिल हर रोज़ उस सवाल से टकराता है।
[shayari_share]कभी बात नहीं करने की वजह समझ नहीं आई
पर दिल हर रोज़ उस सवाल से टकराता है।[/shayari_share]
No 7:
कभी किसी की बातों में जो ज़िन्दगी थी,
अब उसी की खामोशी में तन्हाई बसी है।
[shayari_share]कभी किसी की बातों में जो ज़िन्दगी थी
अब उसी की खामोशी में तन्हाई बसी है।[/shayari_share]
No 8:
वो जो कहते थे कभी दूर नहीं जाएंगे,
आज उनकी आवाज़ को तरसते हुए कई मौसम बीते हैं।
[shayari_share]वो जो कहते थे कभी दूर नहीं जाएंगे
आज उनकी आवाज़ को तरसते हुए कई मौसम बीते हैं।[/shayari_share]
No 9:
वो कभी कुछ कहता नहीं,
पर उसकी चुप्पी हमें बहुत कुछ सिखा जाती है।
[shayari_share]वो कभी कुछ कहता नहीं
पर उसकी चुप्पी हमें बहुत कुछ सिखा जाती है।[/shayari_share]
No 10:
हम इंतज़ार करते रह गए,
पर उसने कभी बात करने की ज़हमत तक नहीं उठाई।
[shayari_share]हम इंतज़ार करते रह गए
पर उसने कभी बात करने की ज़हमत तक नहीं उठाई।[/shayari_share]
No 11:
कभी बात नहीं की, पर असर छोड़ गया,
वो इंसान ज़िन्दगी में सन्नाटा बो कर गया।
[shayari_share]कभी बात नहीं की, पर असर छोड़ गया
वो इंसान ज़िन्दगी में सन्नाटा बो कर गया।[/shayari_share]
No 12:
जिनसे हर रोज़ बात होती थी,
अब वो लोग यादों में भी चुप रहते हैं।
[shayari_share]जिनसे हर रोज़ बात होती थी
अब वो लोग यादों में भी चुप रहते हैं।[/shayari_share]
No 13:

कभी किसी की बातों का नशा था,
अब उसकी खामोशी ही सज़ा बन गई।
[shayari_share]कभी किसी की बातों का नशा था
अब उसकी खामोशी ही सज़ा बन गई।[/shayari_share]
No 14:
कभी वो इंसान भी दिल के बहुत करीब था,
अब सालों से एक शब्द भी नहीं बोला।
[shayari_share]कभी वो इंसान भी दिल के बहुत करीब था
अब सालों से एक शब्द भी नहीं बोला।[/shayari_share]
No 15:
कभी बात न करना भी बहुत कुछ कह जाता है,
खासकर जब अपना कोई अजनबी बन जाता है।
[shayari_share]कभी बात न करना भी बहुत कुछ कह जाता है
खासकर जब अपना कोई अजनबी बन जाता है।[/shayari_share]
No 16:
जिसे सुनने के लिए हम सब कुछ छोड़ देते थे,
अब वो कभी बात ही नहीं करता।
[shayari_share]जिसे सुनने के लिए हम सब कुछ छोड़ देते थे
अब वो कभी बात ही नहीं करता।[/shayari_share]
No 17:
कभी उसकी बातें ही हमारी दुनिया थी,
अब वो इंसान खुद ही खामोश दुनिया बन गया।
[shayari_share]कभी उसकी बातें ही हमारी दुनिया थी
अब वो इंसान खुद ही खामोश दुनिया बन गया।[/shayari_share]
No 18:
ना कोई शिकवा, ना कोई शिकायत रही,
कभी बात न करने की आदत बस बन गई।
[shayari_share]ना कोई शिकवा, ना कोई शिकायत रही
कभी बात न करने की आदत बस बन गई।[/shayari_share]
No 19:
वो कभी कुछ कहता नहीं,
और हम हर दिन उसी खामोशी में डूबते हैं।
[shayari_share]वो कभी कुछ कहता नहीं
और हम हर दिन उसी खामोशी में डूबते हैं।[/shayari_share]
Sad shayari baat nahi karne ki shayari
No 1:
वो बात नहीं करता, पर ख्वाबों में रोज़ आता है,
हर रात उसकी खामोशी दिल में टीस जगाता है।
[shayari_share]वो बात नहीं करता, पर ख्वाबों में रोज़ आता है
हर रात उसकी खामोशी दिल में टीस जगाता है।[/shayari_share]
No 2:
कभी जो हर लम्हा साथ था,
अब उसकी चुप्पी ही सबसे बड़ा फ़ासला बन गई।
[shayari_share]कभी जो हर लम्हा साथ था
अब उसकी चुप्पी ही सबसे बड़ा फ़ासला बन गई।[/shayari_share]
No 3:
हमने तो उसकी खामोशी को भी सुना,
पर उसने हमारी आवाज़ तक नहीं पहचानी।
[shayari_share]हमने तो उसकी खामोशी को भी सुना
पर उसने हमारी आवाज़ तक नहीं पहचानी।[/shayari_share]
No 4:
वो जो दिन में सौ बार बात किया करता था,
अब हफ्तों से चुप है, और हम रोज़ टूटते जा रहे हैं।
[shayari_share]वो जो दिन में सौ बार बात किया करता था
अब हफ्तों से चुप है, और हम रोज़ टूटते जा रहे हैं।[/shayari_share]
No 5:
बात न करना अब उसकी आदत बन गई है,
और उदासी हमारी मोहब्बत का इनाम।
[shayari_share]बात न करना अब उसकी आदत बन गई है
और उदासी हमारी मोहब्बत का इनाम।[/shayari_share]
No 6:
खामोश लबों ने बता दिया सब कुछ,
कि अब वो बात करना भी ज़रूरी नहीं समझता।
[shayari_share]खामोश लबों ने बता दिया सब कुछ
कि अब वो बात करना भी ज़रूरी नहीं समझता।[/shayari_share]
No 7:
तेरा बात न करना हर रोज़ रुला देता है,
और फिर भी हम तुझसे मोहब्बत कम नहीं करते।
[shayari_share]तेरा बात न करना हर रोज़ रुला देता है
और फिर भी हम तुझसे मोहब्बत कम नहीं करते।[/shayari_share]
No 8:
वो चुप है, पर उसके लब बहुत कुछ कहते हैं,
हम ही थे जो उसकी खामोशी समझ नहीं पाए।
[shayari_share]वो चुप है, पर उसके लब बहुत कुछ कहते हैं
हम ही थे जो उसकी खामोशी समझ नहीं पाए।[/shayari_share]
No 9:

ना बात, ना नज़दीकियां, ना अब कोई रिश्ता,
फिर भी दिल उसी के नाम पर धड़कता है।
[shayari_share]ना बात, ना नज़दीकियां, ना अब कोई रिश्ता
फिर भी दिल उसी के नाम पर धड़कता है।[/shayari_share]
No 10:
कभी बात नहीं की उसने बिछड़ने के बाद,
पर हर खामोशी ने गहरे ज़ख़्म दिए।
[shayari_share]कभी बात नहीं की उसने बिछड़ने के बाद
पर हर खामोशी ने गहरे ज़ख़्म दिए।[/shayari_share]
No 11:
उसके न बोलने का अब कोई कारण नहीं पूछते,
क्योंकि अब खुद से ज़्यादा उसे जान चुके हैं।
[shayari_share]उसके न बोलने का अब कोई कारण नहीं पूछते
क्योंकि अब खुद से ज़्यादा उसे जान चुके हैं।[/shayari_share]
No 12:
वो चुप है, और हम भी अब कुछ नहीं कहते,
दोनों ही जानते हैं कि अब सब कुछ ख़त्म हो गया है।
[shayari_share]वो चुप है, और हम भी अब कुछ नहीं कहते
दोनों ही जानते हैं कि अब सब कुछ ख़त्म हो गया है।[/shayari_share]
No 13:
बातें कम क्या हुईं, दिल टूट सा गया,
और वो मुस्कुराकर खामोश रह गया।
[shayari_share]बातें कम क्या हुईं, दिल टूट सा गया
और वो मुस्कुराकर खामोश रह गया।[/shayari_share]
No 14:
हमने तो उसे आज भी अपना माना है,
पर वो तो कब से बात करना छोड़ चुका है।
[shayari_share]हमने तो उसे आज भी अपना माना है
पर वो तो कब से बात करना छोड़ चुका है।[/shayari_share]
No 15:
कभी उसकी बातों में ज़िन्दगी बसती थी,
अब उसकी चुप्पी से मौत सी लगती है।
[shayari_share]कभी उसकी बातों में ज़िन्दगी बसती थी
अब उसकी चुप्पी से मौत सी लगती है।[/shayari_share]
No 16:
वो बात नहीं करता, हम मजबूर नहीं,
पर इश्क़ में अक्सर जुबां से ज्यादा दिल बोलता है।
[shayari_share]वो बात नहीं करता, हम मजबूर नहीं
पर इश्क़ में अक्सर जुबां से ज्यादा दिल बोलता है।[/shayari_share]
No 17:
वो खामोश है और हम बेजुबान हो गए,
जिसे सुना करते थे, आज उसी से खामोशियाँ रो गए।
[shayari_share]वो खामोश है और हम बेजुबान हो गए
जिसे सुना करते थे, आज उसी से खामोशियाँ रो गए।[/shayari_share]
No 18:
वक़्त के साथ सब कुछ बदल गया,
पर उसका बात न करना अब भी वैसा ही चुभता है।
[shayari_share]वक़्त के साथ सब कुछ बदल गया
पर उसका बात न करना अब भी वैसा ही चुभता है।[/shayari_share]
No 19:
हम हर रोज़ कोशिश करते हैं उससे बात करने की,
और वो हर रोज़ चुप रहकर हमें तोड़ देता है।
[shayari_share]हम हर रोज़ कोशिश करते हैं उससे बात करने की
और वो हर रोज़ चुप रहकर हमें तोड़ देता है।[/shayari_share]
कभी किसी की खामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है। अगर आप भी ऐसे ही जज़्बातों से गुज़र रहे हैं, तो ये शायरियाँ ज़रूर दिल को राहत देंगी।